समझो महान विचारक विवेकानन्द छुपे हैं उसमें। समझो महान विचारक विवेकानन्द छुपे हैं उसमें।
विनती प्रभु आपसे इतनी, दया धर्म निभाना। मेरी मैया... विनती प्रभु आपसे इतनी, दया धर्म निभाना। मेरी मैया...
वैर भाव सब त्याग कर मन में दया और प्रेम भरो। वैर भाव सब त्याग कर मन में दया और प्रेम भरो।
दया धर्म का जो तू व्यापारी तुझे जरूरत नहीं हमारी दया धर्म का जो तू व्यापारी तुझे जरूरत नहीं हमारी
वो ही चेहरे सूर्य से चमकीले होते हैं, जो नेकी, दया, धर्म, सत्य से भरे होते हैं। वो ही चेहरे सूर्य से चमकीले होते हैं, जो नेकी, दया, धर्म, सत्य से भरे होते ह...
जब मुझे ये धर्म की परछाइयाँ खलने लगेंगी, बन्द मुट्ठी की पहेली सी मुझे छलने लगेंगी। जब मुझे ये धर्म की परछाइयाँ खलने लगेंगी, बन्द मुट्ठी की पहेली सी मुझे छलने लग...